एक था कौआ ।
एक था बउवा॥
कौआ रोता ,बउवा सोता ।
जब बउवा रोता ,तब कौआ सोता ॥
एक दिन एक उल्लू आया ।
संग में अपने एक साड़ी का पल्लू लाया ॥
उल्लू बोला ये लो साड़ी का पल्लू ।
बउवा के सिर पर डाल मेरे लल्लू ॥
गुस्से में आकर कौआ बोला अबे ओ उल्लू ।
निकल ले उठा के अपना साड़ी का पल्लू ॥
लेखक :आशीष सिंह
कक्षा :७
अपना घर
कक्षा :७
अपना घर
3 टिप्पणियां:
सही है.
गुस्से में आकर कौआ बोला अबे ओ उल्लू ।
निकल ले उठा के अपना साड़ी का पल्लू ॥
nice
ha.ha,ha....... narayan narayan
एक टिप्पणी भेजें