शुक्रवार, 19 मार्च 2010

कविता :आतंकवाद

आतंकवाद

कैसे हैं भइया यह आतंकवाद ।
करते रहते देश को बरबाद ॥
कहाँ से आते हैं आतंकवादी ।
करते रहते देश की बर्बादी ॥
जाने कितनी जाने जाती ।
फिर भी इनको दया न आती ॥
मुम्बई में बम ब्लास्ट किए ।
पता नहीं कितनी जानें लिए ॥
बम ब्लास्ट ये खूब हैं करते ।
मरने से यह नहीं है डरते ॥

लेखक :धर्मेन्द्र कुमार
कक्षा :७
अपना घर

3 टिप्‍पणियां:

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

बेनामी ने कहा…

very good

बेनामी ने कहा…

very good