शनिवार, 6 मार्च 2010

कविता -दंगा

दंगा
एक बार शेर और बकरी में हो गया दंगा ।
बकरी बोली हिम्मत है तो ले मुझसे पंगा ॥
शेर ने बकरी की बात को सुनकर ।
बोला येसे शब्दों को चुनकर ॥
शेर और बकरी की बातों को सुनकर ।
तभी अचानक आया नन्हा खरगोश ॥
और बोलने लगा शेर की तरफ ।
बकरी बोली चुपकर कछुए से हार गया ॥
बातों ही बातों में शेर बकरी से हरा ।
तब शेर ने गुस्से में बकरी को मारा ॥
बहाना बना कर बकरी गई भाग ।
तभी नन्हा खरगोश गया जाग ॥
डर के मारे खरगोश वहाँ से भागा ।
शेर बेचारा है कितना अभागा ॥

लेखक :धर्मेन्द्र
कक्षा :
अपना घर

2 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

अच्‍छी बालगीत !!

Udan Tashtari ने कहा…

अच्छी कोशिश है.