" गणतंत्र दिवस "
इस गणतन्त्र दिवस की बातें हैं कुछ खास,
जिस पर मुझे अभी भी नहीं हो रहा है विश्वास |
वो सविंधान जिसका अभी तक छिपा हुआ था राज़,
जिसकी वजह से बंद हो गए थे सारे कामकाज |
देश के खातिर जिन्होंने सब कर दिया न्योंछावर,
जिसके दिलों में थे देश को आज़ाद करवाने के तेवर |
जब यहाँ पर राज करते थे अंग्रेजी मेयर,
कर दिया था भारत के कई लोगों को बेघर |
जिन लोगों को लगी थी देश को स्वतंत्र प्यास,
इस गणंत्र दिवस की बातें हैं कुछ खास |
कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
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