" ठंडी का मौसम है सुहाना "
ठंडी का मौसम है सुहाना,
लोग कहते हैं फिर से आना |
कोहरा आस पास छाया,
यह देख तो सबको भाया |
सर्दी का दिन है सुहाना,
चाय के बिन मुश्किल है दिन बिताना |
सर्दी फिर से आना,
नहानेसे हमको बचाना |
सर्दी तुम फिर से आना | |
कवि : कामता कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता कामता के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं बहुत शौक है | नेवई बनना चाहते हैं | पढ़ाई में बहुत मेहनत करते हैं | अभूत ही शिष्टाचारी बालक हैं |
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