" नोटबन्दी "
लोग हो गए हैं बेहाल,
पुराने नोटों का हुआ हलाल |
अमीर हो गए बेमिशाल ,
गरीब हो गए लालम - लाल |
क्योंकि पुराने नोटों के हो गए जमाना,
लोग एक - दूजे के हुए परमाना |
मोदी ने किया पुराने नोटों का खात्मा,
काले धंदे वालों की शांत हुई आत्मा |
कवि : कामता कुमार , कक्षा : 8th ,अपनाघर
कवि परिचय : यह कविता कामता ने नोटबंदी पर लिखी है जिस समय लोगों के हालात बहुत ही गंभी थे | कामता ऐसे ही रोचक भरी कवितायेँ लिखने के लिए जाने जाते हैं | कामता बिहार के निवासी हैं |
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