" छोटी सी चिड़िया "
छोटी सी चिड़िया चहक रही थी,
मेरे खिड़की के पास |
मैं देख रहा था उस चिड़िया को,
जो उड़ रही थी मेरे खिड़की के पास |
अपने सहेलियों को बुला रही थी,
लगता वो मेरे नींद को जगा रही थी |
जब वह आई मेरे पास,
मैंने उसे बताई एक बात खास |
चली जा अपनी सहेली के पास,
मत बैठ मेरे खिड़की के पास |
कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें