शनिवार, 27 जुलाई 2019

कविता : छोटी सी चिड़िया

" छोटी सी चिड़िया "

छोटी सी चिड़िया को जब मैनें देखा,
उसने अंडे से निकलते ही अपनी माँ को देखा |
जब उसकी माँ ने प्यार जताया,
उसने जैसे कोई जन्नत पाया |
जिसको उसने अपना संसार बनाया,
माँ की अंचल में खुशियां पाया |
अच्छाइयों को पकड़ा , बुराइयों को फेका,
छोटी सी चिड़िया को मैंने जब देखा |

कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई है जिसको सबसे ज्यादा कविता लिखने का शौक है | समीर प्रयागराज के निवासी हैं और अपना घर संस्था में रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं | समीर इसके आलावा संगीत में भी अच्छे हैं | समीर अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए बहुत मेहनत करता है |

7 टिप्‍पणियां:

yashoda Agrawal ने कहा…

आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज शनिवार 27 जुलाई 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

अनीता सैनी ने कहा…

जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (28 -07-2019) को "वाह रे पागलपन " (चर्चा अंक- 3410) पर भी होगी।

--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
....
अनीता सैनी

मन की वीणा ने कहा…

प्रिय समीर बहुत बहुत शुभकामनाएं।
अच्छा प्रयास है मेहनत करते रहें परिमार्जन होगा आगे अच्छी संभावनाएं आपका इंतजार कर रही हैं।
सुंदर प्रस्तुति।

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

सुंदर रचना ...
असीम शुभकामनाएं समीर !!!

Onkar ने कहा…

सुन्दर प्रस्तुति

Nitish Tiwary ने कहा…

बढिया कविता लिखी है समीर ने। भविष्य की शुभकामनाएं।

Subodh Sinha ने कहा…

समीर के बालमन से उपजी ये कोंपल को नमन ! प्रकृत्ति की असीम स्नेह उस पर बनी रहे !!☺