" खेल "
खेल क्या है, इसे जानो तुम,
खेलो और पहचानों तुम |
कोई हारता है ,कोई जीतता है,
कभी भी खेल न घबराओ तुम |
अपने लक्ष्य को कभी न भूलो तुम,
अपने लक्ष्य पर चलते जाओ तुम |
खेलो के खेल में, कभी हरो तुम,
सफलता तेरी हमेशा पग चूमेंगी |
एक दिन सफल हो जाओगे तुम,
हार के डर को खुशियों में बदलो तुम |
खेल क्या है इसे जनों तुम | |
नाम : नितीश कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें