" दोस्ती का भी क्या कहना "
ये दोस्ती का भी क्या कहना,
दोस्त बनाकर हमको है रहना |
हर खतरों के मोड़ पर,
साथ है हमको चलना |
हर छोटी सी चीज को,
मिल बांटकरहै खाना |
ये दोस्ती का भी क्या कहना,
दोस्त बनाकर हमको है रहना |
नाम : कुलदीप कुमार , कक्षा : 6th , अपनाघर
कवि परिचय : यह हैं कुलदीप कुमार जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं और अपनाघर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं | खेल कूद में भी बहुत रूचि रखते हैं | हमेशा कुछ करने के लिए एक्टिव रहते हैं |
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