बुधवार, 10 जनवरी 2018

कविता : भूखी चुहिया

" भूखी चुहिया " 

चुहिया ने चूहा से बोली,
 सामान ले आये एक दो बोरी | 
दाना पानी नहीं है घर पे, 
बारिश का मौशम आईं सर पे | 
भूखे प्यासे मरेंगे हम अब,
दाना पानी लाओगे कब |  
मैं न रहूंगी भूखी - प्यासी, 
भूखी  कभी न मैं रहूंगी |  
जल्दी कुछ करना पड़ेगा, 
वारना  भूखा मरना पड़ेगा | 

नाम : देवराज कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर

कवि परिचय : यह हैं देवराज कुमार जो की बिहार के नवादा जिले से कानपुर जिले के अपनाघर में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहें हैं | पढाई में बहुत अच्छे हैं साथ ही साथ खेल में भी अच्छे हैं | बड़े होकर एक डांसर बनाना चाहते हैं | 

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