" भूखी चुहिया "
चुहिया ने चूहा से बोली,
सामान ले आये एक दो बोरी |
दाना पानी नहीं है घर पे,
बारिश का मौशम आईं सर पे |
भूखे प्यासे मरेंगे हम अब,
दाना पानी लाओगे कब |
मैं न रहूंगी भूखी - प्यासी,
भूखी कभी न मैं रहूंगी |
जल्दी कुछ करना पड़ेगा,
वारना भूखा मरना पड़ेगा |
नाम : देवराज कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर
कवि परिचय : यह हैं देवराज कुमार जो की बिहार के नवादा जिले से कानपुर जिले के अपनाघर में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहें हैं | पढाई में बहुत अच्छे हैं साथ ही साथ खेल में भी अच्छे हैं | बड़े होकर एक डांसर बनाना चाहते हैं |
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