"याद तेरी आती है "
याद तेरी आती है,
मन ही मन में मुस्कुराता हूँ मैं |
फूल के पंख झड़ जाते है जब,
सावन भी रूठ जाता है तब |
कभी भी बातें न करूंगा इंकार,
फूलों में लगा दूंगा चार स्टार |
नई मोड़ में करता हूँ इंतज़ार,
ढूंढ सको तो ढूढ़ लो नया संसार |
नाम : ओमप्रकाश , कक्षा : 6th , अपनाघर
कवि परिचय : ओमप्रकाश छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं इनके परिजन कानपूर में रहकर मजदूरी का कार्य कर रहे हैं | ड्राइंग बहुत अच्छा बना लेते है साथ ही साथ कविताएं भी लिख लेते हैं |
1 टिप्पणी:
बहुत अच्छी बाल रचना प्रस्तुति
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
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