" शोर मचाते हैं मोर "
शोर मचाते हैं मोर,
बारिश में करते हैं शोर |
सुन्दर -२ नाच दिखाते,
इंसानों का दिल बहलाते |
बारिश जब आ जाती है,
नाच दिखकर गाते मोर |
पंख फैला मचाते शोर,
जानवरों का भी मन बहलाते |
मेंढक दादा भी शोर मचाते |
जब भर जाती है नाली,
पिलो भाई ठंडा पानी |
जब जब नाच दीखते नारिश,
समझलो भाई आ गई बारिश |
नाम : समीर कुमार , कक्षा : 7th ,अपनाघर
कवि परिचय : यह हैं समीर जो की इलाहबाद जिले से कानपूर जिले में पढ़ाई के मकसद से आये हुए हैं | पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं साथ ही साथ गण गाने के बहुत शौकीन हैं | पढ़ लिखकर एक अच्छे इंसान बनकर समाज की सेवा करना चाहते हैं |
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