शुक्रवार, 12 जनवरी 2018

कविता : भौ - भौ करते कुत्ते आए

" भौ - भौ करते कुत्ते आए " 

भौ - भौ करते कुत्ते आए,
खरगोश बेचारा लगे कापने | 
कुत्ते का झुण्ड करीब आया,
खरगोश का दिल घबराया | 
कान उठाकर वहाँ से भागा,
पीछे पड़ गए कुत्ता दादा | 
दोनों की है बात निराली,
खरगोश भागने में है माहिर | 
पर कुत्ता दादा है शिकारी  |  

नाम : अखिलेश कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर


 कवि परिचय : यह हैं अखिलेश जो की बिहार राज्य से आये हुआ है | कक्षा 7th में ही कवितायेँ  लिखना शुरु कर दिया और आजकल अच्छी कवितायेँ लिखते हैं | खेल भी बहुत अच्छा खेलते हैं | पढ़ लिखकर अपने घर और समाज की सेवा करना चाहते हैं | 

कोई टिप्पणी नहीं: