पृथ्वी
पृथ्वी पर है कितना भार,
इस पर चलती मोटर-कार....
पानी भरा है इसमें प्यारा,
पहाड़-झरनों से निकला सारा....
जब तेजाबी वर्षा होती ,
पृथ्वी पर विनाश की क्रिया होती है.....
पृथ्वी पर कितना भार,
इस पर चलती मोटर-कार.....
लेखक : ज्ञान कुमार
कक्षा : 8
अपना घर
3 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर बाल कविता।
बहुत ही सुंदर बाल कविता सच्ची पृथ्वी पर है कितना भार यहाँ दौड़ती मोटर कार :-)
अति-सुन्दर
Gyan Darpan
Rajput Matrimonial
एक टिप्पणी भेजें