कविता - मंहगाई
मंहगाई का आया जमाना ,
महंगा को गया खाना-दाना.....
घोटाले बाजों का कहना ,
मंहगाई में हमको रहना .....
इसी बात तो देख मंहगाई ,
गरीबों को याद आयी नानी .....
बन्द को गया दाना- पानी,
आम आदमी भोला भाला .....
2g ने किया घोटाला,
मंहगाई का आया जमाना .....
महंगा हो गया खाना- दाना.....
मंहगाई का आया जमाना ,
महंगा को गया खाना-दाना.....
घोटाले बाजों का कहना ,
मंहगाई में हमको रहना .....
इसी बात तो देख मंहगाई ,
गरीबों को याद आयी नानी .....
बन्द को गया दाना- पानी,
आम आदमी भोला भाला .....
2g ने किया घोटाला,
मंहगाई का आया जमाना .....
महंगा हो गया खाना- दाना.....
लेखक - सोनू कुमार
कक्षा - १० अपना घर ,कानपुर
1 टिप्पणी:
बिलकुल सही बात....महंगाई ने है चोट लगाई...
आँखों में आंसू भर लाई...
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