कविता -मेहनत
रात- दिन हो गयी एक ,
खून पसीना कर दिया एक......
इस मेहनत की कमाई से ,
सुख से जियेगे हम .....
आज के इन नेताओं की तरह,
नहीं करेगे हम घोटाले .......
क्योकि इस देश में ,
बहुर हैं भूखे मरने वाले ...... मेहनत
रात- दिन हो गयी एक ,
खून पसीना कर दिया एक......
इस मेहनत की कमाई से ,
सुख से जियेगे हम .....
आज के इन नेताओं की तरह,
नहीं करेगे हम घोटाले .......
क्योकि इस देश में ,
बहुर हैं भूखे मरने वाले ...... मेहनत
लेखक -ज्ञान
कक्षा - ८ अपना घर, कानपुर
2 टिप्पणियां:
अच्छे भाव!!
एकदम सही बात!!
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