बुधवार, 2 नवंबर 2011

कविता: पटाखे

पटाखे 

पटाखे की आयी बारात,
दीपावली है साथ आयी .....
गया अन्धेरा आया उजाला,
उजाले में आयीं हैं लक्ष्मी .....
घर में भर गयीं है कितना धन,
धन को अच्छे से है रखना ....
पटाखे की आयी बारात ,
दीपावली है साथ आयी ....
लेखक : चन्दन कुमार 
कक्षा : 6
अपना घर  

1 टिप्पणी:

Surendra shukla" Bhramar"5 ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रिय चन्दन ..लक्ष्मी माँ आप का घर सदा भरा रखें आप को रोशन करें भविष्य उज्जवल हो खूब लिखो ,,,
भ्रमर ५
बाल झरोखा सत्यम की दुनिया
http://surenrashuklabhramar5satyam.blogspot.com