दूर देश से आया हैं बादल
दूर देश से आया हैं बादल,
दिन दुपहरियां में छाया हैं बादल......
कितनी गर्मी हो रही हैं ,
लोग निकलना भी भूल गए हैं.....
घर में ही सो रहे हैं ,
किरणों से थे सब घायल......
दुपहरियां में भी छाया हैं बादल,
दूर देश से आया हैं बादल......
दूर देश से आया हैं बादल,
दिन दुपहरियां में छाया हैं बादल......
कितनी गर्मी हो रही हैं ,
लोग निकलना भी भूल गए हैं.....
घर में ही सो रहे हैं ,
किरणों से थे सब घायल......
दुपहरियां में भी छाया हैं बादल,
दूर देश से आया हैं बादल......
लेखक - चन्दन कुमार
कक्षा - ६ अपना घर ,कानपुर
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