पड़ गया आकाल
सूरज हैं लाल,
उसमें मारा बाण....
सूरज में पड़ गया आकाल,
इसलिए नन्दू का हुआ बुरा हाल.....
तब मेरे फोन में आयी एक काल ,
मैंने पूछा कौन ....
उसने कहा मै पाल,
नन्दू की उधर उतर गयी खाल.....
नन्दू के घर में पड़ गया आकाल ,
सूरज हैं लाल ......
उसमे मारा बाण .....
लेखक -मुकेश कुमार
कक्षा- १० अपना घर ,कानपुर
2 टिप्पणियां:
सुंदर कविता
are dusra bad aasman me maro barish hone lagega,
एक टिप्पणी भेजें