ख़त्म हुई छुट्टिया
गर्मी की छुट्टियाँ हुई ख़त्म,
अब तो रोज जाना हैं स्कूल ....
छुट्टियों में की हैं जो मस्ती ,
अब बच्चो उसको जाओ भूल.....
अब तो रोज जाना हैं स्कूल ,
पढना- लिखना और मार खाना .....
नई कक्षा में हैं हम सब को जाना ,
नई -नई कांपियां और किताबे पाना.....
रात-दिन हैं अब तो जागना ,
देर से उठे तो जल्दी स्कूल को भागना ......
अब तो करना होगा खूब पढाई ,
मस्ती तो ख़त्म हुई अब मेरे भाई....
लेखक - धर्मेन्द्र कुमार
कक्षा - ९ अपना घर ,कानपुर
2 टिप्पणियां:
चलो, बढ़िया है..पढ़ना भी तो जरुरी है न!!!
हूँ अच्छी कविता ......मेरी छुट्टियाँ तो अभी शुरू ही हुईं हैं :)
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