गुरुवार, 9 जून 2011

कविता -ईट भट्ठे की प्रार्थना

ईट भट्ठे की प्रार्थना 
भट्ठे के मालिक और भट्ठे के मुनीम ,
भट्ठे का नाम और भट्ठे का दान ....
सरस बने  प्रभु सरस बने ,
भट्ठे की मिट्टी और भट्ठे की चिमनी ...
भट्ठे पर पथाई और भट्ठे में भराई ,
सरस बने प्रभु सरस बने .....
भट्ठे के बच्चे और भट्ठे के मजदूर,
भट्ठों का जीवन और भट्ठों पर चलने वाला स्कूल...
खुशहाल बने प्रभु खुशहाल बने ......
लेखक -के .एम. भाई

1 टिप्पणी:

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत अच्छा...लिखते रहो!!