बढ गयी महंगाई
छोटी मोटी तितली ,
सीढ़ियों से फिसली ....
नालियों में गिरने से ,
बच गयी मरने से ....
पर चोट लग गयी गिरने से ,
वह अस्तपताल पहुंची जल्दी से ....
वहां पे भीड़ लगी थी इतनी ,
थोड़ी देर में भीड़ लग गयी दुगनी ....
तितली का जब आया नंबर ,
वह पहुँची डाँक्टर के रूप के नीचे .....
डाँक्टर ने दी जब से उसको दवाई ,
तब से बढ गयी है महंगाई ....
लेखक : आशीष कुमार
कक्षा : 9
अपना घर
1 टिप्पणी:
बहुत सुंदर कविता
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