शुक्रवार, 5 नवंबर 2010

कविता :विद्यालय जायेंगे जरुर

विद्यालय जायेंगे जरुर

विद्यालय जायेंगे जरुर ,
डांट पड़े या मार पड़े .....
बरसात में भीगेंगे खड़े-खड़े ,
विद्यालय जायेंगे जरुर .....
मार पड़े तो मार सहेंगे ,
चाहे जितना काम मिले .....
हम सब पूरा काम करेगें ,
विद्यालय जायेंगे जरुर .....
टीचर चाहे जितना डर दिखलायें ,
चाहे जितना कठिन पेपर बनाएं .....
उसको भी हम हल करेगें ,
विद्यालय जायेगें जरुर ......
हिंद निवासी हम मजदूर प्रवासी ,
हम बच्चे हैं हिन्दुस्तानी .....
संसार का उठाएंगे सारा भार ,
लेकर रहेंगे स्वतंत्रता का अधिकार ......
विद्यालय जायेंगे जरुर ....
इसकी उसकी चुगली नहीं करेंगे ,
हम सब मिलकर रहेंगे ......
इस देश पढ़ने का है सबको अधिकार ,
विद्यालय जायेंगे जरुर ......

लेख़क :आशीष कुमार
कक्षा :8
अपना घर

7 टिप्‍पणियां:

राजकुमार ग्वालानी ने कहा…

हिन्दु, मुस्लिम, सिख, ईसाई
जब सब हैं हम भाई-भाई
तो फिर काहे करते हैं लड़ाई
दीवाली है सबके लिए खुशिया लाई
आओ सब मिलकर खाए मिठाई
और भेद-भाव की मिटाए खाई

Chaitanya Sharma ने कहा…

बहुत सुंदर लिखा है....अच्छा लगा

Udan Tashtari ने कहा…

सब बच्चों के लिए:

सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

-समीर लाल 'समीर'

S.M.Masoom ने कहा…

दीयों के इस पर्व दीपावली की आप को हार्दिक शुभकामनाएं
ये दीप पर्व आपके और आपके परिजनों के जीवन को खुशियों के प्रकाश से भर कर दे

Kailash Sharma ने कहा…

बहुत अच्छी कविता...दीपावली की हार्दिक शुभ कामनायें

डॉ. मोनिका शर्मा ने कहा…

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं...

Chaitanya Sharma ने कहा…

हैप्पी दिवाली :)