रविवार, 21 अप्रैल 2019

कविता : दुनिया कितनी सुन्दर है

" दुनिया कितनी सुन्दर है "

ये दुनिया कितनी सुन्दर है,
जहाँ देखो हर जगह समुन्दर है |
पर ये है इतना खारा,
इसका इस्तेमाल न होता सारा |
जिव जंतु हैं बहुत सारा,
जो घूमते फिरते हैं आवारा |
ये दुनिया कितना सुन्दर है,
पेड़ों का भरमार है |
इससे जिव को जीवन मिलती,
छोटे बड़े सभी के चेहरे खिलती |
पेड़ पौधे है कितना प्यारा,
यही है जीने का गुजारा |
ये दुनिया कितनी सुन्दर है,
जहाँ देखो हर जगह समुन्दर है |

                                                                                                            कवि : कामता कुमार , कक्षा : 8th , आनाघर

कवि परिचय : यह कविता कामता के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के निवासी हैं और अपना घर में रहकर अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं | कामता को क्रिकेट खेलना बहुत पसंद है और शिखर धवन को अपना गुरु मानते हैं | कामता को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और वह बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं |

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