" कौन थे भीमराव अम्बेडकर "
जब मैं बैठा माँ से हटकर,
पूछा उनसे एक सवाल डटकर |
कौन है भीमराव अंबेडकर,
सोचने लगी वह कुछ देर बैठकर |
चुपके से खिसक लिया वहां से,
माँ बैठी थी जहाँ पर |
गया मैं पुस्तकालय के अंदर,
दिखा मुझे ज्ञान का समंदर |
एक किताब उठाकर देखा,
उनके बारे में था लिखा |
समझ में आया उसको पढ़कर,
कौन थे भीमराव अम्बेडकर |
कवि : देवराज कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं देवराज जो की बिहार के रहने वाले हैं और अभी अपना घर में रहकर अपनी पढाई कर रहें हैं | देवराज अच्छे होनहार बालक हैं उसको सभी गतिविधियों में रूचि है और वह सभी में भागीदारी लेता है | कवितायेँ लिखने के साथ डांस करना बहुत पसंद है | बड़े होकर एक रसायन के शिक्षक बनना चाहते हैं |
5 टिप्पणियां:
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (26-09-2018) को "नीर पावन बनाओ करो आचमन" (चर्चा अंक-3106) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
राधा तिवारी
उत्सुक मन से निकली बेहतरीन रचना
उत्सुक मन से निकली बेहतरीन रचना
वाह
अच्छी कविता
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