" पाँच उँगलियाँ मिलने से "
पाँच उँगलियाँ मिलने से ,
एक हाथ बन जाता है |
हर जन लोग मिलने से ,
एक समाज बन जाता है |
एक दूसरे का साथ दो तो ,
वह सहारा बन जाता है |
पहाड़ के बीच झरना निकलने से ,
एक किनारा बन जाता है |
मन में जिज्ञासा भर लो तो ,
वह जिज्ञासु कहलाता है |
अच्छे कर्म करने से ही ,
वह महान बन जाता है |
कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : ह हैं प्रांजुल जो की छत्तीसगढ़ के रहने वाले हैं | प्रांजुल बड़े होकर एक इंजीनियर बनना चाहते हैं | प्रांजुल पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं और अच्छे से पढ़ाई करके दूसरों की मदद करना चाहते हैं |
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