" भगवान की आशा गरीबों की आँखों में "
भरोसा कर के जी रहा,
गम के आँसूं पी रहा |
एक मंदिर ,एक सड़क,
एक दिल ,एक धड़क |
एक पूस की झोपडी
की सलांखों में,
क्योंकि भगवान की आशा
गरीबों की आँखों में |
ज़ुल्म सहना,
थम कर रहना ,
मुँह से कुछ न कहना |
हर बार गुजारिश कर,
हर मुसीबतों में,
भगवान की आशा,
गरीबों की आँखों में | |
नाम : देवराज ,कक्षा : 8th ,अपना घर
1 टिप्पणी:
वाह ! बहुत बढ़िया
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