" जीना है हमें "
फूलों की मुस्कान जैसा,
खुले आसमान के जैसा |
किसानों की शान जैसा,
एक नए सपने के जैसा |
हमें जीना है यहाँ | |
पानी की चलती धारा,
की तरह बहना है हमें |
आसमान की खुली हवाओं,
की तरह बहना है हमें |
इसी तरह सब कुछ करके,
जीवन में जीना है हमें | |
नाम , अखिलेश कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं अखिलेश कुमार जो की बिहार के नवादा जिले से यहाँ रहने और पढ़ने के लिए आए हुआ हैं | अखिलेश कवितायेँ बहुत ही अच्छी लिखते हैं | बड़े होकर एक महँ फुटबॉलर बनना चाहते हैं |
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