" बस्ता "
मेरा बस्ता है सबसे सस्ता,
धुलने पर सूंदर है दिखता |
स्कूल से लेकर घर तक जाता,
हर पल हर दिन साथ निभाता |
अच्छी खातिर करता हूँ,
स्कूल में इसी के साथ पढ़ता हूँ |
दो बद्धी , चार है चेन,
न हो तो हो जाऊँ बेचैन |
हल्का रखता बोझ न देता,
जितना हो उतना ही भरता |
नाम : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 8th , अपनाघर
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