" फूल "
मौसम फूलों पर तो इन दिनों,
बहार है ही सामेल कचनार जैसी |
बड़े मेड़ भी फूलों से लद गए हैं,
ये सभी गहने से लद गए हैं |
इस प्यारे संसार में लोगों ने,
अपनी - अपनी किस्मत बनाई |
ये छोटे से पृथ्वी में लद गए,
खुशबुओं से इसको महका गए |
खेतो में खिले सरसों अरहर जैसे,
पीले -पीले रंगों में है जैसे | |
नाम : राजकुमार , कक्षा : 8th , अपनाघर
कवि परिचय : यह राज हैं जो की हमीरपुर के रहने वाले हैं कविताये बहुत अच्छी लिखते हैं | पढ़लिखकर एक डॉक्टर बनना चाहते हैं | हमेशा अपने पढ़ाई के प्रति कोशिश करते रहते हैं |
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