" फूलों की तरह खिला हूँ "
फूलों की तरह खिला हूँ,
नए रास्ता के साथ चला हूँ |
बढ़ते जा रहे हैं मेरे कदम,
एक नए दिशा की ओर |
होंगे सही गलत के रास्ते,
चुनना है इनमें से एक |
नहीं भरोसा किसी पर,
भरोसा करूंगा खुद पर |
चलूँगा मैं सही रास्ते पर
जो हो मेरे दिल में आसान,
अपनाकर बनूँगा महान |
नाम : नितीश कुमार , कक्षा : ७थ , अपनाघर
कवि परिचय : यह हैं नितीश जो की बिहार के नावदा जिले से कानपूर जिले में पढ़ने के लिए आये हुआ हैं | कक्षा 7 में ही कवितायेँ लिखना शुरू कर दिया हैं हो सकता हैं भविष्य में फिलॉसफर बन जाए |
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