" कल सोच "
कल का क्या सोचना,
वो तो यूँ ही गुजर गया |
तैयार रहना है हमें,
जो आने वाला कल है |
कल शायद जिंदगी बदल जाए,
और किसी की मिट जाए |
किसने सोचा होगा उस कल का,
क्या होगा उस दिन |
नाम : नितीश कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर
कवि परिचय : यह हैं नितीश जो बिहार से हैं | कविताओं के साथ साथ टेक्नोलॉजी में बहुत मन लगता हैं | इनके कविताओं से बहुत प्रेरणा मिलती हैं |
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