" हिमालय "
देखो इस हिमालय को,
कुछ हमसे वह कहता है |
तूफानों से लड़ता वह है,
फिर भी खड़ा रहता वह है |
इंसानों को वह सिखाता है,
अपने घमंड नहीं दिखाता है |
नदियों का पहाड़ उठाता है,
फिर भी कुछ न कहता है |
अपने इस व्यव्हार से वह,
हमको भी कुछ सिखाता है |
नाम : समीर कुमार , कक्षा : 7th , अपनाघर
कवि परिचय : यह हैं समीर कुमार जो की इलाहाबाद से कानपूर के अपनाघर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं | कविताओं के साथ साथ एक अच्छे संगीतकार हैं | खेल को भी बड़े मन लगाकर खेलते हैं |
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