शनिवार, 23 जुलाई 2011

कविता - जिन्दगी हैं एक पल की

शीर्षक - जिन्दगी हैं एक पल की 
 जिन्दगी हैं एक पल की ,
  बन्दे खो मत इसको .....
 जब प्राण ले जायेगे यमराज तुम्हारे,
 नहीं रोक पाओगे तुम उनको ....
 पल भर के लिए ,
 हर एक क्षण जीवन के लिए.......
 धैर्य रखना सीख लो ,
यह एक अच्छा गुण हैं जीवन के लिए.....
 तुम बाधाओ से न घबराओ ,
 काट के जंगल उसमे भी तुम रह बनाओ..... 
हर मुश्किल को आसान करने के लिए ,
 अपने जीवन को सुखमय  बनाने के लिए......
 जिन्दगी हैं एक पल ले लिए ,
 बन्दे खो मत उसको ......
 एक - एक पल क्षण हैं  कीमती,
प्यर्थ न करके प्रयोग कर उनको  ......

 लेखक -आशीष कुमार 
कक्षा - ९ अपना घर, कानपुर

1 टिप्पणी:

Kailash Sharma ने कहा…

इतनी छोटी उम्र में इतना गंभीर चिंतन..बहुत सुन्दर