गुरुवार, 28 मई 2009

सम्पादकीय: १७ मई 2009

प्यारे दोस्तों
"बाल सजग" अच्छे से चल रहा है। हमें उम्मीद है की हमारे बाल सजग की कविता और कहानियाँ लोग बराबर पढ़ रहे है। पाठकों के हौसला अफजाई संदेश हमें बराबर मिल रहे है जिससे हमें और ज्यादा लिखने की प्रेरणा मिल रही है। इस बार बाल सजग में पेंटिंग बहुँत ही कम लगी, यह हम सभी की गलती है । हम कोशिश करे की बाल सजग को और बेहतर बनायें, हम सभी को और मेहनत करनी चाहिए। अभी लोक सभा का चुनाव ख़त्म हुआ और कांग्रेस भारी मतों से जीती है अब फ़िर से कांग्रेस की सरकार भी बन जायेगी। हमारे देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी को काम करते हुए ५ साल हो चुके है अगले प्रधानमंत्री फ़िर से मनमोहन सिंह जी होंगे। शायद हमारे देश की जनता सोचती है की राजनीतिक पार्टिया अच्छा काम करती है, तभी तो वो उन्हें जिताकर संसद में भेजती है। मगर मुझे नही लगता है की राजनितिक पार्टिया और ये नेता अच्छा काम कर रहे है, वो तो जनता को लूटने में लगे है, उनसे बेहतर तो समाज सेवक और निर्दलीय लोग अच्छा काम कर रहे है। पार्टी सिर्फ़ अपने हित के लिए सोचती है मगर समाज सेवक तो देश और आम जनता के लिए सोचते है। हमारे देश में अगर कोई समाज सेवक किसी ग़लत बात का विरोध करता है तो जनता उसका साथ नही देती है, मगर राजनीतिक पार्टी के लोग ग़लत भी करे तो जनता उनका साथ देती है और अपने घर ले जाकर शरबत, चाय पिलाती है। सरकारी कार्मचारी भी उन्ही राजनीतिज्ञों की सुनते है। मगर हमें इस व्यवस्था को बदलना होगा और ये तभी होगा, जब आम जनता चेतेगी और इस गन्दी राजनीति को साफ करके अच्छे लोगों को चुनकर संसद में भेजेगी.....
१७ मई २००९
संपादक: अशोक कुमार, कक्षा ६, अपना घर
उप सम्पादक: ज्ञान कुमार, कक्षा ५, अपना घर
बाल सजग
अपना घर
बी० -१३५/८, प्रधान गेट, नानाकारी
आई० आई० टी० , कानपूर -२०८०१६
फोन: ०५१२-2770589

3 टिप्‍पणियां:

RBX ने कहा…

Main JAIPUR se prakashit Dainik Navajyoti ka Sahity Sampadak hoon. Maine aapke Blog se kuchh rachnayen lekar apne akhbar main prakashit ki hain, bachchon ki rachnayen bahut hi achchhi hain. main chahta hoon ki aap mujhe batayen ki main agar unka srijan apne akhbar main prakashit karta hoon, to unhen kaise bata sakta hoon. Alok Sharma

gunjan ने कहा…

its very nice.u people must talk about RAJNITI.

beenasharma ने कहा…

मेरे प्रयास की बच्ची रुना को आपकी कविता बहुत अच्छी लगी