शुक्रवार, 25 अक्तूबर 2019

कविता : सत्य की राह पर

" सत्य की राह पर "

चल पड़े है देश की ओर,
लेकर आज़ादी की तमन्ना | 
सत्य और अहिंसा को,
वो अपने जीवन पर अपनाएँ | 
अपनी राह में सत्य को अपनाए,
यह बात उन्होंने कितनों को बतलाए |  
न फ़िक्र की अपनी जिंदगी की,
न सोचा अपने तन की | 
जो सोचे थे देश के सपने, 
जहाँ हो केवल अपने | 
जब हर एक कोई उठ गया,
जो देखे सपने वो पूरा हो गया | 
इस सत्य की राह पर, 
आज़ादी की तमन्ना पूरा हुआ | 

कवि : संजय कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता संजय के द्वारा लिखी गई है जो की एक सीख को दर्शाती है | जीवन में यदि सच्चाई को अपना लेगें तो यह एक सुखद प्रणाम मिलता है | जीवन में लोग झूठ बोलने के लिए सच्चाई को छुपाने की कोशिश करते हैं परन्तु एक दिन वह सबके सामने आ ही जाती है | संजय को कवितायेँ लिखना बहुत अच्छा लगता है | 

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