" नदी के पास "
जब मैं बैठा था नदी के पास,
मेरे दिमाग रही थी कुछ बातें खास |
क्या होता है इसके अंदर,
क्या जुड़ा है इससे कोई समंदर |
या फिर है इसमें सिर्फ पत्थर ही पत्थर,
या फिर इसमें भी है कुछ मच्छर |
जिनके अंदर है कुछ अलग ही लक्षण,
बस ममें इसी बात पर दौड़ाऊँ दिमाग,
जब मैं बैठा था नदी के पास |
कवि : समीर कुमार, कक्षा : 9th , अपना घर
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