बुधवार, 6 फ़रवरी 2019

कविता : मुझे भी जीने की चाहत है

" मुझे भी जीने की चाहत है "

मुझे भी जीने की चाहत है,
पर शरहद रक्षा करता हूँ |
मुझे भी ख़ुशी से रहना है ,
पर देश के लिए लड़ता हूँ |

न मुझे मरने की चिंता,
न मुझे डरने की चिंता
क्योंकि हर कदम पर,
खतरा मोल लेता हूँ |

हर दुश्मनों पर नजर रखता हूँ,
दुश्मनों को ख़त्म किए बिना दम नहीं लेता हूँ
नए हौशलों और जज्बों  के साथ
बस आगे बढ़ता ही जाता हूँ |

मुझे भी जीने की चाहत है,
पर शरहद रक्षा करता हूँ |



कवि : नितीश कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर


कवि परिचय : यह कविता नितीश के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के निवासी हैं | नितीश को कवितायेँ लिखना बहुत पसंद है और अभी लगभग वह बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | नितीश को टेक्नोलॉजी में बहुत रूचि है और हमेशा अपना ज्यादातर समय उसी में व्यतीत करते हैं |

कोई टिप्पणी नहीं: