" आसमान "
देखो उस आसमान को,
कितना सुन्दर सा लगता है |
पर कभी भी उसने अपनी,
खूबसूरती पर कभी घमण्ड नहीं किया ,
उसने हर चीज को सदा रखा है दिल में |
चाहे वो चील हो चाहे हो तोते,
जमीन में या आसमान में होते |
देखो उस आसमान को,
कितना सुन्दर लगता है |
कवि : समीर कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
1 टिप्पणी:
Very informative you can also read it also here
Click Here
Very informative you can also read it also here
Click HERE
एक टिप्पणी भेजें