" तितली "
रंग -बिरंगें होती है तितली,
सुनहरे-चमकीले होती है तितली |
फूलों पर मंडराती है तितली ,
छूने पर उड़ जाती है तितली |
पंख फैलाकर मनोरंजन करती,
अपने पर घमंड नहीं दिखाती |
मन में जिज्ञासा भरती है तितली,
सबसे सुन्दर दिखती है तितली |
रंग -बिरंगें होती है तितली,
सुनहरे-चमकीले होती है तितली |
कवि : अमित कुमार , कक्षा : 4th , अपना घर
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