" रोशनी "
जिंदगी को चमकाने एक रोशनी आई ,
उस रोशनी में कुछ बात थी |
जब जिंदगी में ये नहीं आयी थी,
मेरी जिंदगी में उस वक्त काली रात थी |
रात को भगाने वाली उस रौशनी में,
कुछ तो ऐसी बात थी |
हमें इसी रोशनी की आस थी,
जिंदगी को चमकाने वाली एक रौशनी आई |
जिसमें कुछ ऐसी बात थी | |
कवि : समीर कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
कवि परिचय : यह है समीर जो की इलाहाबाद के रहने वाले हैं | समीर कवितायेँ लिखने के साथ - साथ गीत भी बहुत अच्छा गाते हैं | क्रिकेट खेलना इनका शौक है | समीर स्वभाव से बहुत दयालु और मन से चंचल हैं |
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