" सिख लूँ मंत्र "
जी चाहता है सिख लूँ मंत्र,
बदल दूँ धरती का राजतन्त्र |
प्रदूषण से घिरी हुई है आज,
मिटा दूँ मैं प्रदूषण का राज |
बैठे हुए लोगों को बता दूँ,
करना है कुछ काम काज |
शर्म करो ऐ दुनिया वालों,
चाहे हो गोरे या फिर कालों |
मिटा दो इस धरती का राजतन्त्र,
आओ सीखा दूँ तुमको मंत्र |
जी चाहता है सिख लूँ मंत्र,
बदल दूँ धरती का राजतन्त्र |
कवि : समीर कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर
कवि परिचय : यह है समीर अपना घर में 5 सालों से रहकर पढ़ाई कर रहे हैं और बहुत कुछ सीखा भी है | समीर ने पढ़ाई करने के साथ - साथ कवितायेँ भी लिखना सीखा है | समीर दिल से बहुत सच्चे हैं और कुछ भी गलत दिखता है तो उसको सुधारने की कोशिश करते हैं |
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