" दिन का उदय "
दिन का तू ख्याल मत रख,
सुबह भी होगी शाम भी होगी |
वहीं धुप होगी वहीं शाम होगी,
सूर्य चंद्र के प्रकाश क मिश्रण होगा |
बहार भी चलेगी, विचार भी बहेगा,
नई नई सोच का उदय भी होगा |
सौदागर के पथ को बुनकर कहेगा,
राही चलेगा तो राह भी साथ चलेगी |
दिन का तू ख्याल मत रख,
सुबह भी होगी शाम भी होगी |
कवि : राज कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं राज कुमार जो कि हमीरपुर के रहने वाले हैं | राज को राजनीती बहुत पसंद है और वह पढ़ - लिखकर एक पॉलिटिशियन बनना चाहता है | राज पढ़ाई के लिए बहुत मेहनत करता है | राज मन से बहुत कठोर पर बातचीत में सभ्य हैं | राज कवितायेँ बहुत अच्छी लिखते हैं |
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