हिन्दुस्तान हमारा
वहां दूर एक जहान है,
नाम जिसका हिन्दुस्तान है ,
लोग वहाँ के जिनके पास ,
न रोटी , न कपड़ा और न ही मकान है
नेताओं की इस राजनीति मे फसकर ,
यंहा का हर एक बंदा परेशान है ,
आजाद हुए ज़माना गुजर गया ,
लेकिन गरीब अभी परेशान है ,
बालत्कार ,चोरी ,डकैती
इनका भी सबसे ऊपर नाम है ,
नेता ,अफसर सब यहाँ के ऐसे ,
पैसो मई भी इनकी जान है ,
रोज पढ़ता हूँ ऐसी खबरे ,
तो मेरे दिल मे एक उठता है तूफान ,
इस सब के बावजूद भी आज मेरा ,
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा ,
वहां दूर एक जहान है,
नाम जिसका हिन्दुस्तान है ,
लोग वहाँ के जिनके पास ,
न रोटी , न कपड़ा और न ही मकान है
नेताओं की इस राजनीति मे फसकर ,
यंहा का हर एक बंदा परेशान है ,
आजाद हुए ज़माना गुजर गया ,
लेकिन गरीब अभी परेशान है ,
बालत्कार ,चोरी ,डकैती
इनका भी सबसे ऊपर नाम है ,
नेता ,अफसर सब यहाँ के ऐसे ,
पैसो मई भी इनकी जान है ,
रोज पढ़ता हूँ ऐसी खबरे ,
तो मेरे दिल मे एक उठता है तूफान ,
इस सब के बावजूद भी आज मेरा ,
सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तान हमारा ,
नाम : धर्मेन्द्र कुमार
कक्षा : 9
अपना घर ,कानपुर
1 टिप्पणी:
बेहतर लेखन !!
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