हकलाने के कारण
एक लड़की को मैंने देखा ,
वह गरीब 8 साल की होती है ।
वह रोज स्कूल पढ़ने जाती है ,
और हर होम वर्क पूरा कर लती है ।
वह कहानी सुनना चाहती है ,
वह बाल सभा के सामने भी आती है।
और वह कड़ी होती है कुछ सुनाने के खातिर ,
लेकिन वह अपना नाम भी नहीं ले पाती है।
पूछो क्यों ?
क्यों की वह हक्लाती है ,
हकलाने के कारण वह अपनी बाते नहीं बता पाती ,
जब मैनें उसको हकलाते देखा ,
तो मेरे आखों में आंसू टपकने लगे ,
उसका आने वाला समय क्या होगा ,
उसकी सभी लोग हसीं उड़ायेंगे ,
क्योंकि वह हक्लाती है ,
और वह अपने बारे में भी नहीं बोल पाती है ,
लेकिन वह पढ़ना - लिखना अच्छा जानती
एक लड़की को मैंने देखा ,
वह गरीब 8 साल की होती है ।
वह रोज स्कूल पढ़ने जाती है ,
और हर होम वर्क पूरा कर लती है ।
वह कहानी सुनना चाहती है ,
वह बाल सभा के सामने भी आती है।
और वह कड़ी होती है कुछ सुनाने के खातिर ,
लेकिन वह अपना नाम भी नहीं ले पाती है।
पूछो क्यों ?
क्यों की वह हक्लाती है ,
हकलाने के कारण वह अपनी बाते नहीं बता पाती ,
जब मैनें उसको हकलाते देखा ,
तो मेरे आखों में आंसू टपकने लगे ,
उसका आने वाला समय क्या होगा ,
उसकी सभी लोग हसीं उड़ायेंगे ,
क्योंकि वह हक्लाती है ,
और वह अपने बारे में भी नहीं बोल पाती है ,
लेकिन वह पढ़ना - लिखना अच्छा जानती
नाम : मुकेश कुमार
कक्षा : 11
अपना घर , कानपुर
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