मंगलवार, 22 नवंबर 2011

कविता : जल

 जल 

जल से ही जीवन हमारा ,
उपयोग है बहुत इसका.....
इससे ही जीवन सबका,
उपयोग हैं करते हम जिसका,
गली,शहर,मुहल्लों में तो .....
बर्बाद होता है ये पानी ,
अब एक दिन येसा आयेगा....
जब खत्म हो जायेगी इसकी कहानी,
जल से ही है पेड़ों का जीवन ......
आक्सीजन हैं पाते जिससे,
काम बहुत आता है ये जल .....
जीवन हैं पाते हम जिससे ,

लेखक : धर्मेन्द्र कुमार 
कक्षा : 9
अपना घर 

4 टिप्‍पणियां:

SANDEEP PANWAR ने कहा…

जोरदार बेहद ही अच्छे बढिया

Gyan Darpan ने कहा…

बहुत बढ़िया रचना

Gyan Darpan
Matrimonial Site

रुनझुन ने कहा…

सचमुच जल ही जीवन है...बहुत ही अच्छी रचना...

बेनामी ने कहा…

very very nice...
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