वर्षा का मौसम आया है.
साक्षी अवस्थी, कक्षा ६,
संग ठंडी हवाएं लाया हैं ..
छाता लेकर निकले घर से.
रपट पड़े हैं हम सर से..
अब हमको कौन उठाएगा.
कीचड़ से कौन बचाएगा..
अब तो हैं पानी बरस रहा.
फिर डंडे हम पर बरसेगे..
अब घर हम कैसे जायेंगे.
माँ को कैसे समझाएँगे ?
पुत्री: बलराम अवस्थी,
पता: नई बस्ती, लखीमपुर खीरी
1 टिप्पणी:
इतनी सुन्दर कविता के लिये साक्षी को बधाई।
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