मंगलवार, 7 जून 2011

कविता : सबको अधिकार हो

 सबको अधिकार हो 

हमें वह राह चाहिए ,
जिसमें सबको जाने का अधिकार हो .....
न कोई ताला चाभी का साथ हो ,
सबको सामान अधिकार हो .....
हमें वह राह चाहिए ,
जिसमें सारे इंसान जाएँ ....
अमीरी-गरीबी का भेद न हो ,
सारे इंसान बराबर हों .....
हमें वह राह चाहिए ,
जिसमें सबको जाने का अधिकार हो .....

लेखक : अशोक कुमार 
कक्षा : 9
अपना घर   

4 टिप्‍पणियां:

SANDEEP PANWAR ने कहा…

अगर मुझे ये राह मिली तो अवश्य बताऊंगा,

Chaitanyaa Sharma ने कहा…

सही और सुंदर बात लिए कविता

सुनैना अवस्थी ने कहा…

आदरणीय भाई जी ,
आपका ब्लाग देखकर बड़ी प्रसन्नता हुयी .
वाकई आपका प्रयास बहुत ही सुन्दर और काबिले तारीफ है .
अपनी बच्ची साक्षी अवस्थी की एक रचना आपको भेज रही हूँ .
प्रकाशित देखकर ख़ुशी होगी .

Akshitaa (Pakhi) ने कहा…

सुन्दर गीत...अच्छी सीख भी देती है.
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