" मिलकर एक दुनियाँ बनाएँ "
आओ मिलकर एक ऐसी दुनियाँ बनाएँ ,
जिसमें कोई भेद - भाव नहीं हो |
हर कोई हंसी और ख़ुशी से जीते हो ,
कोई हिन्दू - मुश्लिम न कहलाते हो |
आओ मिलकर एक ऐसी दुनियाँ बनाएँ,
जिसमें कोई गरीब अमीर नहीं होता |
हर कोई एक दूसरे के साथ रहता,
कोई भी जाति धर्म नहीं होता |
हर एक त्यौहार को मिलकर मनाते,
आओ मिलकर एक ऐसी दुनियाँ बनाएँ |
कवि : रविकिशन , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह हैं रविकिशन जो की बिहार के रहने वाले हैं और बहुत ही हसमुख चेहरे के हैं | रविकिशन बड़े होकर एक राष्ट्रपति बनना चाहते हैं | रविकिशन को राजनितिक में बहुत ही रूचि हैं | रविकिशन पढाई में बहुत अच्छे हैं | रविकिशन की कवितायेँ बहुत ही अच्छी होती हैं |
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